तुझे कृष्ण कहूं या गिरिधर, तेरा नाम सभी है प्यारा।
तेरे नाम से जग में रौनक, जग में फैला उजियारा।
देवकी ने तुमको जनम दिया,
यशोदा ने था पाला।
ग्वाल बाल संग गऊ चराये,
बनकर बृज का ग्वाला।
वासुदेव के प्रिय पुत्र पर, नंद के राजदुलारा।
तुझे कृष्ण कहूं या गिरिधर, तेरा नाम सभी है प्यारा।
तेरे नाम से जग में रौनक, जग में फैला उजियारा।
मधुर–मधुर सी मुरली धुन की,
राधा थी बड़ी दीवानी।
ग्वाले, ग्वालिन सुनने को तरसे,
कान्हा तेरी वाणी।
भक्त सुदामा के प्रेम में, दोनो लोकों को हारा।
तुझे कृष्ण कहूं या गिरिधर, तेरा नाम सभी है प्यारा।
तेरे नाम से जग में रौनक, जग में फैला उजियारा।
मार कंश को नष्ट किया था,
उसके सारे काले करतूत।
अमृत सम जमुना के जल को,
काले नाग से किया था मुक्त।
शीघ्र प्रकट हो लाज बचाया, द्रौपति ने जब पुकारा।
तुझे कृष्ण कहूं या गिरिधर, तेरा नाम सभी है प्यारा।
तेरे नाम से जग में रौनक, जग में फैला उजियारा।
...जितेंद्र कुमार
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