"मेरे जांबाज प्रहरी"
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
भारत मां के वीर सपूत ये, मां के पहरेदार,
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
हथियारों के संग हैं सोते,
हथियारों के संग हैं जीते।
कभी खिलौने सा खेलते,
कभी भाव से इसे पूजते।
जिनके दहाड़ से दहल रहा है, दुश्मन सीमापार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
बांध कफन सर सीमा पर जो, भरते हैं हुंकार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
मातृभूमि है जान से प्यारी,
त्याग दी अपनी खुशियां सारी।
जीवन के हर सुख हैं त्यागे,
त्यागे अपने रिश्ते–नाते।
जिनका ठिकाना पर्वत–घाटी, अपना छोड़ घर–द्वार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
बांध कफन सर सीमा पर जो, भरते हैं हुंकार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
आती जब–जब घर की यादें,
तस्वीरों में फिर खो जाते।
होते नहीं कमजोर ये दिल का,
करते सामना हर मुश्किल का।
सीना ताने सीमा पर जो, हैं वंदन का हकदार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
बांध कफन सर सीमा पर जो, भरते हैं हुंकार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
भारत मां के वीर सपूत ये, मां के पहरेदार।
उन्हें मेरा वंदन बारंबार।उन्हें मेरा वंदन बारंबार।
...जितेंद्र कुमार
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