जिसके जीवन में सिर्फ धर्म है उसका जीवन अंधविश्वास में डूबकर अपना अस्तित्व खो देता है, और जिस मनुष्य के जीवन में सिर्फ शिक्षा है उसका जीवन अभिमान के कारण बेलगाम हो जाता है। कुछ लोग जिसके जीवन में न तो धर्म होता है और नाहीं शिक्षा तो वैसे लोग इन लोगों के द्वारा गुमराह किए जाते हैं।
जो लोग जीवन में शिक्षा के साथ–साथ धर्म को भी महत्व देते है वे लोग अपने जीवन के साथ–साथ समाज को एक नई दिशा देकर उसे स्वच्छ और स्वस्थ रखते हैं जिससे समाज के हर वर्ग के लोग आपस में जुड़े रहते हैं।
अतः आप भी धर्म और शिक्षा से जुड़े रहिए और समाज को प्रेम के बंधन से जोड़िए न कि प्रेम के धागे को काटकर उसे विकलांग बनाइए।🙏🙏
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