हे विघ्न विनाशक, बुद्धि दाता,
शंकर सुत गणपति हैं आप।
रिद्धि - सिद्धि उसे हर सुख देते,
करे नित्य जो प्रातः जाप।
मां पार्वती के प्यारे लाडले,
लक्ष्मी के भी दुलारे आप।
मां सरस्वती भी स्नेह लुटाती,
सब देवों में श्रेष्ठ हैं आप।
मोदक, मोती चूर के लड्डू,
और मखाना खीर पसंद।
नारियल, केला,मेवा लड्डू,
और प्रिय कलाकंद,श्रीखंड।
लम्बोदर हैं गौरीनंदन,
एकदंत, गजवदन, गजानन।
मूष सबारी आपको प्यारी,
करते सारी सृष्टि भ्रमण।
शुभ कार्य सब सफल हो जाता,
जो करे प्रारंभ ले आपका नाम।
हैं विघ्नहर्ता गौरीनंदन,
पूरण करते सबका काम।
सम्मुख खड़े करबद्ध भक्त सब,
लोचन भरकर नीर।
करो कृपा हे गणपति देवा,
हम दीन भक्त हो रहे अधीर।
जितेंद्र कुमार
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