"मां गौ और गंगा"

"मां गौ और गंगा"

"मां गौ और गंगा"

जहां धर्म सनातन,संस्कृति सुंदर,लहराए ध्वज तिरंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।।
जहां महावीर और बुद्ध ने सबको, पाठ पढ़ाया अहिंसा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।।

जय भारती, जय भारती।

चंदन है मेरे देश की माटी।
स्वर्ग से सुंदर इसकी धरती।
जहां सूरज ठहर नमन कर जाता, जिसे वंदन करता चंदा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।।

गंगा,यमुना नीर क्षीर सा, देता सबको शक्ति।
गोदावरी,कृष्णा,और कावेरी, अमृत - पान कराती।
जहां के निर्मल पवन में मिश्रित, है संजिविनी,
अश्वगंधा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।।

यहां जन - जन का मन रमता, मठ, मंदिर और धामों में।
यहां ऋषि - मुनि का मंत्र - जाप जो गूंजे हर त्योहारों में।
जहां वेद - पुराण, गीता की पूजा, करता हर एक बंदा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।।

जहां हरिश्चंद्र ने सत्य का पालन, खुद तन बेच किए थे।
यहां राम, कृष्ण धरती को पावन, करने जन्म लिए थे।
जहां बालक भरत बाघ से लड़ता औेर लड़ाता  पंजा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।
वहां पूजी जाती मां गौ और गंगा।।

                    ..जितेंद्र कुमार

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