पिया रोज करें झगडा, हम केकरा से परचारी।
गुस्सा हम पीके, रहही मनमारी।
लड़त एक दिन,
दोई दिन रूठे।
मारे न पीटे,
जोर से ही डांटे।
हाथ न उठावत, बस देत मोहे गारि।
पिया रोज करे झगड़ा, हम केकरा से परचारी।
पिए न गांजा,
ना पिए दारू।
नाहिं नशा करे,
न खाए तम्बाकू।
छोट - मोट बात पर,फेंक दिहले थारी।
पिया रोज करे झगड़ा, हम केकरा से परचारि।
छोटा व्यापार करत,
शहर में रहके।
झोपड़ी में रहेलि,
हर दुख सह के।
भे गइले नाराज,जब मांगली हम साड़ी।
पिया रोज करे झगड़ा, हम केकरा से परचारि।
गुस्सा हम पीके, रहही मनमारी।
.. जितेंद्र कुमार
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