"गणपति बप्पा मोरया"

"गणपति बप्पा मोरया"
हम त कर जोड़ के कहली, गौरा माई से,
देहू इजाजत मोर घरे, गणपति के जाई के।

खूब प्यार से राखव इनका,
लड्डू खूब खिलाइब हम।
वशहा बैल चढ़ाई के इनका,
चारो धाम घुमाइब हम।
मनोरंजन भी खूब कराइब,राम कथा सुनाई के।
देहू आज्ञा मोर घरे, गणपति के जाई के।

पीतांबर से बदन सजाइब,
माथे मुकुट पहिराइब हम।
बैठे खातिर देब सिंहासन,
इनका राजा बनाइब हम।
रोज सवेरे पांव पखारव,गंगा जल भरी लाई के।
देहू इजाजत हमरो संगे, गणपति के जाई के।

और घुमाईब अयोध्या नगरी,
त्रेता युग की निशानी।
सुना रहल हे सरयुग की धारा,
राम राज की कहानी।
बृंदावन मे गुंज रहल हे, वंशी मधुर कन्हाई के।
देहू इजाजत हमरो संगे, गणपति के जाई के।
            .. जितेंद्र कुमार

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